FIRST INFORMATION REPORT
एफ,आई,आर जैसे शब्द प्रक्रिया सहिता (Cr.P.C) 1973 में परिभाषित नहीं किया गया है,
मगर इन शब्दों का यह मतलब समझा जाता है कि सूचना दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 154 (1 ) के तहत अभिलिखित कर लिया गया है |
यह सूचना एक शिकायत या अभियोग के तौर पर जिसमे एक संज्ञेय अपराध घटित या संभवत: होने की सूचना
पुलिस अधिकारी को दी जाती है | इसका उद्देश्य फौजदारी कानून को हरकत में लाना है जिससे कि पुलिस अन्वेषण का काम कर सके | यह रिपोर्ट मामले का आधार माना जाता है |
दण्ड प्रकिया सहिता (Cr.P.C.) की धारा 154 क्या है
धारा 154 (1 ) (Cr.P.C) निम्नलिखित बात कहती है :-
संज्ञेय अपराध के किये जाने से सम्बंधित प्रत्येक इत्तिला ,यदि उसके द्वारा या उसके निदेशाधीन लेखबंध
देने वाले को पढ़कर सुनाई जाएगी और प्रत्येक ऐसी इत्तिला पर, चाहे वह लिखित रूप से दी गई हो या पूर्वोक्त रूप से लेखबंध की गई हो , उस व्यक्ति द्वारा हस्ताछर किये जायेंगे जो उसे दे और उसका सार ऐसी पुस्तक
में, जो उस अधिकारी द्वारा ऐसे रूप में राखी जाएगी जिसे राज्य सरकार इस निमित विहित करे ,
प्रविष्ट किया जायेगा |
अब 2013 में हुए संशोधन के पश्चात् ब्वयान (वयान ) को कुछ मामलो में वीडियो द्वारा रिकॉर्ड भी किया जा
सकता है |
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